बेबसी क्या है?
माँ बाबा को आपके प्राण बचाने के लिए
दूसरों के आगे गिड़गिड़ाते देखना…
बेबसी है सांस लेने के लिए ऑकसिज़न सिलेन्डर
ढूंढने पर भी ना मिल पाना…
बेबसी है किसीको अपनी आँखो के सामने
आखरी सांस लेते देखना…
बेबसी है लाख कोशिशों के बाद
मरीज़ को न बचा पाना…
वह ऐमबुलैंस का शोर…
वह मशीन का अलार्म…
वह लोगों का कराहना…
वो आँसुओं से गीला तकिया…
वो चींखें जो निकल नहीं पाती हैं…
वो सांसे जो अचानक रुक जाती हैं…
यही है बेबसी –
मूक दशर्क होने की बेबसी।
©तरुछाया
और ये बेबसी अलग ही किस्म का दर्द देकर जाती है
LikeLiked by 1 person
So true !
LikeLiked by 1 person
Went through this…I broke a million times
LikeLiked by 1 person
Can understand…
Take care!
LikeLiked by 1 person
बहुत सही कहा……..बीते हुए दिन भूल नहीं सकते|
हम जीने को जद्दोजहद करते रोते गिड़गिड़ाते मगर हाथ कुछ भी ना पाते …..बेबसी है|
LikeLiked by 1 person