बेबसी क्या है?

बेबसी क्या है?

माँ बाबा को आपके प्राण बचाने के लिए
दूसरों के आगे गिड़गिड़ाते देखना…
बेबसी है सांस लेने के लिए ऑकसिज़न सिलेन्डर
ढूंढने पर भी ना मिल पाना…
बेबसी है किसीको अपनी आँखो के सामने
आखरी सांस लेते देखना…
बेबसी है लाख कोशिशों के बाद
मरीज़ को न बचा पाना…
वह ऐमबुलैंस का शोर…
वह मशीन का अलार्म…
वह लोगों का कराहना…
वो आँसुओं से गीला तकिया…
वो चींखें जो निकल नहीं पाती हैं…
वो सांसे जो अचानक रुक जाती हैं…
यही है बेबसी –
मूक दशर्क होने की बेबसी।

©तरुछाया

Author: Taruchaya

I'm the vast azure sky...I always look up very high. I'm the indefatigable air...my mark is present everywhere. I'm the water of ocean and sea...you just can't live without me. I'm the unrestrained fire. I'm a secret desire. I'm the ineffable earth. I'm ineluctable since birth !!

5 thoughts on “बेबसी क्या है?”

  1. बहुत सही कहा……..बीते हुए दिन भूल नहीं सकते|
    हम जीने को जद्दोजहद करते रोते गिड़गिड़ाते मगर हाथ कुछ भी ना पाते …..बेबसी है|

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